लॉर्ड कैनिंग (ए.डी 1856-1862):
- अंतिम गवर्नर जनरल और पहले वायसराय जो डॉक्ट्रिन ऑफ़ लैप्स को वापस लाये।
- रिवोल्ट ऑफ़ 1857, विद्रोह किया। इंडियन पीनल कोड 1860 पास हुआ।
- 1858 एक्ट पास किया, जिससे ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त हो गया। 1857 में कलकत्ता, बंबई और मद्रास में विश्वविद्यालय स्थापित किए।
लॉर्ड एल्गिन (ए.डी 1862):
- वहाबी मूवमेंट (आंदोलन)
लॉर्ड जॉन लॉरेंस (ए.डी 1864-1869):
- 1865 में कलकत्ता, बंबई और मद्रास में उच्च न्यायालयों की स्थापना की।
- यूरोप के साथ टेलीग्राफिक कम्युनिकेशन (तार संचार) खोला। भारतीय वन विभाग बनाया।
लॉर्ड मायो (ए.डी 1869-72):
- भारत का स्टैटिस्टिकल सर्वे (सांख्यिकी सर्वेक्षण) आयोजित किया और भारतीय इतिहास में पहली बार, 1871 में सेन्सस (जनगणना) आयोजित की।
- भारत में फाइनेंशियल डीसेंट्रलाइ ज़ेशन (वित्तीय विकेंद्रीकरण) की प्रक्रिया शुरू की। एग्रीकल्चर और कॉमर्स विभाग की स्थापना की।
- भारतीय राजाओं के लिए काठियावाड़ में राजकोट कॉलेज और अजमेर में मेयो कॉलेज स्थापित किये।
- केवल वही एक वायसराय थे जिनकी 1872 में अंडमान में एक पठान दोषी द्वारा कार्यालय में हत्या कर दी गयी।
लॉर्ड नार्थब्रूक (ई 1872-1876):
- पंजाब में कूका रिबेलियन (विद्रोह), बिहार में फेमिन (अकाल)।
लॉर्ड लिटन (ई 1872-1876):
- 'वायसराय ऑफ़ रिवर्स कैरेक्टर' के रूप में जाने गये।
- रॉयल टाइटल एक्ट ऑफ़ 1876 और महारानी विक्टोरिया द्वारा 'भारत की महारानी', जनवरी 1877 में दिल्ली दरबार का खिताब धारण किया ।
- वर्नाकुलर प्रेस एक्ट (छपी हुई सामग्री के संचलन को नियंत्रित करने के लिए 'गैगिंग एक्ट' भी कहा जाता है) और आर्म्स एक्ट ऑफ़ 1878 (भारतीयों को आर्म्स के लिए लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य किया)।
लॉर्ड रिप्पोन (ई 1880-1884):
- फर्स्ट फैक्ट्री एक्ट ऑफ़ 1881 ( मजदूर दल को वर्जित किया)। 1882 में स्थानीय स्वराज्य पेश किया।
- 1882 में वर्नाकुलर प्रेस एक्ट निरस्त किया। केंद्र के धन को विभाजित किया गया।
- लॉर्ड रिप्पोन को 'स्थानीय स्वराज्य के संस्थापक पिता' माना गया।
- 1882 में सर विलियम हंटर के तहत प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में सुधार लाने के लिए शिक्षा आयोग को नियुक्त किया।
- इल्बर्ट बिल कॉन्ट्रोवर्सी (विवाद) (1883) भारतीय जिलाधिकारियों को यूरोपीय अपराधियों को जाँचने का अधिकार प्राप्त हुआ।
लॉर्ड डफरिन (ई 1884-1888):
- थर्ड बर्मीस वॉर (ई 1885-1886)। 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई।
लॉर्ड लैंसडाउन (ई 1888-1894):
- फैक्ट्री एक्ट ऑफ़ 1891 साप्ताहिक छुट्टी और महिलाओं और बच्चों के लिए काम के घंटे निर्धारित किये।
- सिविल सेवा को इंपीरियल, प्रोविन्सिअल और सबोर्डिनेट सेवा में विभाजित किया।
- भारतीय कॉउन्सिल (परिषद) एक्ट ऑफ़ 1892।
- डूरंड आयोग 1893 में (अब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच) ब्रिटिश भारत और अफगानिस्तान के बीच डूरंड रेखा को परिभाषित किया।
लार्ड एल्गिन द्वितीय (ई 1894-1899):
- 1899 की दक्षिणी बगावत। 1896-1897 के भयानक अकाल और अकाल पर लयाल आयोग स्थापित किया।
लॉर्ड कर्जन (ई 1899-1905):
- 1902 में सर थॉमस रालेघ के तहत एक आयोग नियुक्त किया गया, विश्वविद्यालयों से संबंधित सुधार के सुझाव के लिए, 1904 में भारतीय विश्वविद्यालय एक्ट सिफारिशों के आधार पर पास किया गया।
- ऐनसीअंट मोन्यूमेंट्स प्रिजर्वेशन एक्ट ऑफ़ 1994। इस प्रकार, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया स्थापित किया गया।
- एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टिट्यूट दिल्ली में पूसा में स्थापित किया गया। 1905 में बंगाल का विभाजन किया।
लॉर्ड मिंटो (ई 1905-1910):
- स्वदेशी मूवमेंट (1905-1908); मुस्लिम लीग की नींव (1906); सूरत सत्र और कांग्रेस में विभाजन (1907)। मोरले-मिन्टो सुधार (1909)।
लॉर्ड हार्डिंग (ई 1910-1916):
- राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया (1911); दिल्ली दरबार; बंगाल के विभाजन को रद्द कर दिया। हिंदू महासभा 1915 में पंडित मदन मोहन मालावीया द्वारा स्थापित की गयी।
लॉर्ड चेल्म्सफोर्ड (ई 1916-1921):
- गांधी भारत वापस लौट आए (1915 में) और अहमदाबाद में साबरमती आश्रम(1916), चंपारण सत्याग्रह, अहमदाबाद में सत्याग्रह(1981), खेड़ा सत्याग्रह (1918) की स्थापना की।
- मोंटेग द्वारा अगस्त घोषणा (1917), उसके बाद राज्य के सचिव, और मोंटफोर्ड सुधार या 1919 के भारत सरकार एक्ट।
- रोलेट एक्ट (मार्च, 1919) और जलियांवाला बाग मस्साक्रे (नरसंहार) (13 अप्रैल, 1919)।
- खिलाफत कमेटी का गठन किया और खिलाफत आंदोलन शुरू किया (1919-1920)।
- नॉन -कोऑपरेशन मूवमेंट (1920-1922) शुरू किया। पूना (1916) में महिला विश्वविद्यालय स्थापित किया।
लॉर्ड रीडिंग (ई 1921-1926):
- रोलेट एक्ट को रद्द किया। चाउरी -चाउरा की घटना। आर.एस.एस, 1925 में स्थापित किया गया। सपप्रीसड नॉन- कोऑपरेशन मूवमेंट। स्वराज पार्टी का गठन।
- मोपला रिबेलियन (विद्रोह) (1921) में हुआ। 1 अगस्त,1925 में काकोरी ट्रेन डकैती। मुल्तान, अमृतसर, दिल्ली आदि में 1923-25 के सांप्रदायिक दंगें।
लॉर्ड इरविन (ई 1926-1931):
- साइमन कमीशन 1927 ने भारतीय दौरा किया। कंवरएस ने 1929 में भारत का संकल्प पास किया।
- दांडी मार्च (12 मार्च, 1930)। सिविल डिसओबीडिइन मूवमेंट (1930)।
- पहली गोलमेज सम्मेलन 1930 में इंग्लैंड में आयोजित किया। गांधी-इरविन पैक्ट (समझौता)।
- कांग्रेस का लाहौर सत्र और पूर्णा स्वराज घोषणा (1925)।
लार्ड विलिंग्डन (ई 1931-1936):
- 1931 में लंदन में दूसरा गोलमेज सम्मेलन और 1932 में तीसरा।
- भारत सरकार एक्ट (1935) पास किया गया। सांप्रदायिक पुरस्कार (16 अगस्त, 1932) ने विभिन्न धार्मिक समुदायों के लिए सीटें सौंपी। गांधी जी ने इस विभाजन के विरोध में एक महाकाव्य उपवास रखा।
लॉर्ड लिनलिथगो (ई 1936-1943):
- कांग्रेस मंत्रालयों के इस्तीफे को मुस्लिम लीग (1939) द्वारा 'उद्धार दिवस' के रूप में मनाया गया, मुस्लिम लीग के लाहौर संकल्प (23 मार्च, 1940) में मुसलमानों के लिए अलग राज्य की मांग की। (इस सत्र में जिन्ना ने अपने दो राष्ट्रों के सिद्धांत को प्रतिपादित किया)। 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध का प्रकोप।1942 में क्रिप्स मिशन। क़ुइट इंडिया मूवमेंट (8 अगस्त, 1942)।
लॉर्ड वॉवेल (ई 1943-1947):
- कैबिनेट मिशन प्लान (16 मई, 1946)।
- संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर, 1946 को आयोजित की।
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग की विफलता के साथ 25वीं जून, 1945 को शिमला सम्मेलन की व्यवस्था की।
- संविधान सभा के लिए चुनाव आयोजित किए गए और एक इंटरिम सरकार नेहरू के तहत नियुक्त की गयी।
लॉर्ड माउंटबेटन (मार्च से अगस्त तक, 1947):
- ब्रिटिश भारत और स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल के अंतिम वायसराय।
- 3 जून योजना या माउंटबेटन योजना द्वारा भारत के विभाजन का निर्णय लिया।
- जून, 1948 में सेवानिवृत्त और सी.राजगोपालाचारी द्वारा सफल हुए, स्वतंत्र भारत के पहले और अंतिम भारतीय गवर्नर जनरल।
भारतीय स्वतंत्रता एक्ट 4 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश संसद पास किया गया, जिसके द्वारा भारत 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ।
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