क्रमांक
|
परमाणु और अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र
|
स्थान
|
स्थापना वर्ष
|
1.
|
इण्डिया रेयर अर्थ लिमिटेड
|
अलूवा (अलवाये), केरल
|
1950
|
2.
|
यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया
|
जादूगोडा, झारखण्ड
|
1967
|
3.
|
परमाणु ऊर्जा आयोग (एईसी)
|
मुम्बई
|
1948
|
4.
|
इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया
|
हैदराबाद
|
1967
|
5.
|
भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बीएआरसी)
|
ट्रांबे (मुम्बई)
|
1957
|
6.
|
रेडियो खगोल विज्ञान केन्द्र
|
उधागमांदलम(ओट्टी), तमिलनाडु
|
1968
|
7.
|
टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च
|
मुम्बई
|
1945
|
8.
|
साहा इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स
|
कोलकाता
|
1949
|
9.
|
न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्प्लेक्स
|
हैदराबाद
|
1971
|
10.
|
न्यूक्लियर पॉवर कॉम्प्लेक्स
|
मुम्बई
| |
11.
|
पृथ्वी विज्ञान अध्ययन केन्द्र
|
तिरुवननन्तपुरम (त्रिवेन्द्रम),केरल
|
1978
|
12.
|
भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला
|
अहमदाबाद
|
1947
|
13.
|
अंतरिक्ष आयोग
|
बेंगलुरु (बैंगलौर)
| |
14.
|
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केन्द्र
|
तिरुवननन्तपुरम
|
1963
|
15.
|
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)
|
बेंगलुरु (बैंगलौर)
|
1969
|
16.
|
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केन्द्र
|
अहमदाबाद
|
1972
|
17.
|
थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन
|
थुम्बा(केरल)
|
1962
|
18.
|
भारतीय वैज्ञानिक उपग्रह परियोजना
|
बेंगलुरु (बैंगलौर)
|
1972
|
19.
|
सैटेलाइट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी कॉलेज
|
अहमदाबाद
| |
20.
|
साहा इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स
|
कोलकाता
|
1949
|
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:-
विक्रम साराभाई
- विक्रम साराभाई भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट की सफलता के पीछे प्रमुख व्यक्ति थे।
- बहुत कम लोग जानते हैं कि, विक्रम साराभाई के प्रयासों से नासा के साथ लगातार संचार से भारत में टीवी आया था।
- वह ऑपरेशन रिसर्च ग्रुप(ओआरजी) की उत्पत्ति के पीछे मुख्य व्यक्ति थे जो भारत का पहला बाजार अनुसंधान संगठन था।
- विक्रम साराभाई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) की स्थापना करने के लिए भारत सरकार को आश्वस्त किया।
इसरो
- इसरो का बजट कई अन्य देशों के अंतरिक्ष संगठन की तुलना में बहुत कम है, अभी भी इसरो एक अच्छा काम कर रहा है! इसरो ने मंगल के लिये सबसे सस्ता मिशन बनाकर स्वयं के लिये ख्याति प्राप्त की। इसके मंगल ऑर्बिटर मिशन में 450 करोड़ रुपये(73 मिलियन डॉलर) की लागत थी, जिसका प्रति किमी औसत 12 था।
- इसरो ने देश भर में मौसम की स्थिति पर नजर रखने के लिए विभिन्न उपग्रह विकसित किए हैं। इसका इन्सेट-3डीआर एक उन्नत मौसम संबंधी(मौसम अवलोकन) उपग्रह है जो सटीक मौसम पूर्वानुमान के लिए जरूरी इनपुट प्रदान करता है।
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र
- बीएआरसी परमाणु ऊर्जा उत्पादन के सभी पहलुओं को संभालता है।
- भाभा को इलेक्ट्रानों के विखण्डन के लिए सही अभिव्यक्ति तैयार करने के बाद शुरुआत में मान्यता प्राप्त हुई, उन्होंने जो प्रक्रिया शुरू की, वह भाभा स्कैटरिंग कहलाई।
- बीएआरसी ने कल्पक्कम में 80 मेगावॉट क्षमता वाले भारत के पहले दबाव वाले जल रिएक्टर को डिजाइन किया।
- संगठन ने भारत को परमाणु पनडुब्बी बनाने के लिए दुनिया में 6 वां स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Nice
ReplyDelete