Monday, 1 January 2018

अनुसंधान केंद्र

क्रमांक
परमाणु और अंतरिक्ष अनुसंधान केन्‍द्र
स्‍थान
स्‍थापना वर्ष
1.
इण्‍डिया रेयर अर्थ लिमिटेड
अलूवा (अलवाये), केरल
1950
2.
यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इण्‍डिया
जादूगोडा, झारखण्‍ड
1967
3.
परमाणु ऊर्जा आयोग (एईसी)
मुम्‍बई
1948
4.
इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया
हैदराबाद
1967
5.
भाभा परमाणु अनुसंधान केन्‍द्र (बीएआरसी)
ट्रांबे (मुम्‍बई)
1957
6.
रेडियो खगोल विज्ञान केन्‍द्र
उधागमांदलम(ओट्टी), तमिलनाडु
1968
7.
टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च
मुम्‍बई
1945
8.
साहा इंस्‍टिट्यूट ऑफ न्‍यूक्‍लियर फिजिक्‍स
कोलकाता
1949
9.
न्‍यूक्‍लियर फ्यूल कॉम्‍प्‍लेक्‍स
हैदराबाद
1971
10.
न्‍यूक्‍‍लियर पॉवर कॉम्‍प्‍लेक्‍स
मुम्‍बई

11.
पृथ्‍वी विज्ञान अध्‍ययन केन्‍द्र
तिरुवननन्‍तपुरम (त्रिवेन्‍द्रम),केरल
1978
12.
भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला
अहमदाबाद
1947
13.
अंतरिक्ष आयोग
बेंगलुरु (बैंगलौर)

14.
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केन्‍द्र
तिरुवननन्‍तपुरम
1963
15.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)
बेंगलुरु (बैंगलौर)
1969
16.
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केन्‍द्र
अहमदाबाद
1972
17.
थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन
थुम्‍बा(केरल)
1962
18.
भारतीय वैज्ञानिक उपग्रह परियोजना
बेंगलुरु (बैंगलौर)
1972
19.
सैटेलाइट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी कॉलेज
अहमदाबाद

20.
साहा इंस्‍टिट्यूट ऑफ न्‍यूक्‍लियर फिजिक्‍स
कोलकाता
1949

कुछ महत्‍वपूर्ण तथ्य:-

विक्रम साराभाई
  • विक्रम साराभाई भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट की सफलता के पीछे प्रमुख व्यक्‍ति थे।
  • बहुत कम लोग जानते हैं कि, विक्रम साराभाई के प्रयासों से नासा के साथ लगातार संचार से भारत में टीवी आया था।
  • वह ऑपरेशन रिसर्च ग्रुप(ओआरजी) की उत्पत्ति के पीछे मुख्य व्यक्‍ति थे जो भारत का पहला बाजार अनुसंधान संगठन था।
  • विक्रम साराभाई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) की स्थापना करने के लिए भारत सरकार को आश्‍वस्त किया।
इसरो
  • इसरो का बजट कई अन्य देशों के अंतरिक्ष संगठन की तुलना में बहुत कम है, अभी भी इसरो एक अच्छा काम कर रहा है! इसरो ने मंगल के लिये सबसे सस्ता मिशन बनाकर स्‍वयं के लिये ख्‍याति प्राप्‍त की। इसके मंगल ऑर्बिटर मिशन में 450 करोड़ रुपये(73 मिलियन डॉलर) की लागत थी, जिसका प्रति किमी औसत 12 था।
  • इसरो ने देश भर में मौसम की स्थिति पर नजर रखने के लिए विभिन्न उपग्रह विकसित किए हैं। इसका इन्सेट-3डीआर एक उन्नत मौसम संबंधी(मौसम अवलोकन) उपग्रह है जो सटीक मौसम पूर्वानुमान के लिए जरूरी इनपुट प्रदान करता है।
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र
  • बीएआरसी परमाणु ऊर्जा उत्पादन के सभी पहलुओं को संभालता है।
  • भाभा को इलेक्ट्रानों के विखण्‍डन के लिए सही अभिव्यक्‍ति तैयार करने के बाद शुरुआत में मान्यता प्राप्‍त हुई, उन्होंने जो प्रक्रिया शुरू की, वह भाभा स्‍कैटरिंग कहलाई।
  • बीएआरसी ने कल्पक्कम में 80 मेगावॉट क्षमता वाले भारत के पहले दबाव वाले जल रिएक्टर को डिजाइन किया।
  • संगठन ने भारत को परमाणु पनडुब्बी बनाने के लिए दुनिया में 6 वां स्‍थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

1 comment: