Sunday, 14 January 2018

झील

झील, एक सतही ‘जल निकाय’ (water body) है जो चारों ओर से भूमि से घिरा होता है। नदियां, झीलों की निर्गम (आउटलेट) या अंतर्गम (इनलेट) होती हैं अर्थात झीलों को जल या तो नदियों से मिलता है या वे जल के स्रोत के रूप में कार्य करती हैं। झीलें विभिन्‍न प्राकृतिक परिदृश्‍यों जैसे पहाड़ी क्षेत्रों, मैदानों, पठारों, घाटी क्षेत्रों आदि में पाई जाती हैं।

भारत में  प्राकृतिक झील

झीलें विभिन्‍न प्रकार की होती हैं जिन्‍हें विभिन्‍न मापदंडों के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है- जो निम्‍नानुसार हैं: मीठे पानी की झीलें, खारे पानी की झीलें, प्राकृतिक झीलें, कृत्रिम झीलें, ज्‍वालामुखीय (क्रेटर) झीलें, गोखुर (ऑक्‍सबो) झीलें, मरुद्यान (ओसिस) झीलें आदि।झीलों के विभिन्‍न अनुप्रयोग जैसे पेयजल, सिंचाई, नौवाहन, जल भंडारण, आजीविका (मछली पकड़ना आदि), सूक्ष्‍म जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव आदि हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य

भारत में मीठे पानी की सबसे बड़ी झील – वुलर झील, जम्मू और कश्मीर

भारत में खारे पानी की सबसे बड़ी झील - चिल्का झील, ओडिशा

भारत में सबसे ऊंची झील (ऊंचाई) – चोलामु झील, सिक्किम

भारत में सबसे लंबी झील – वेंबनाड़ झील, केरल

भारत में सबसे बड़ी कृत्रिम झील – गोविंद वल्लभ पंत सागर (रिहंद बांध)

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